Friday 7 February 2020

शिकारा - मूवी रिव्यू

February 07, 2020 0

कल #Shikara देखी।

यह एक रियलिस्टिक मूवी से ज़्यादा एक लवस्टोरी की तरह देखे तो अच्छा होगा।

फिल्मकारों ने इस मूवी में इतिहास के एक बेहद भयानक प्रकरण का सिर्फ एक छोटासा अच्छा पहलू दिखाया है। वास्तविकता इससे कहीं ज़्यादा भयानक है।

फ़िल्म ज़रूरत से ज़्यादा लंबी है, लेकिन कश्मीर का फिल्मांकन बहुत ही बढ़िया तरीके से किया गया है इसलिए अगर आप मूवी को एक केमरामेन के नज़रिए से देखेंगे तो बोर नहीं होंगे।

विधु विनोद चोपड़ा को फ़िल्म का हर सीन एक पेंटिंग की तरह दिखाने की और फ़िल्म के नायक नायिका को बहुत खूबसूरत दिखाने की महारथ हासिल है। 


फ़िल्म देखने के बाद थोड़े सवाल जरूर उठते है...

मूवी के अंत मे जब मुफ़्ती और अब्दुलाह को थैंक यू क्रेडिट दिया जाता है, तभी मन मे सवाल उठता है कि फिल्मकार किसे धन्यवाद दे रहे है? जो कहीं न कहीं इस भयावह प्रकरण के लिए जिम्मेदार है उनको?

कश्मीर में इतने बड़े पलायन के बावजूद, उस समय की सरकारों ने उसे रोकने के लिए क्यों कुछ नहीं किया? क्या सब हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे थे?

खैर, मूवी को मूवी की तरह लेते हुए, कश्मीरी पंडितों को फिरसे उनका आशियाना मील जाए ऐसी कामना करता हूँ।

ईश्वर करे कभी भी, कहीं भी, किसी को अपना घर छोड़ने की स्थिति का सामना न करना पड़े। 🙏🙏🙏